मैं मुसलमान क्यों बनी | लॉरेन बूथ Lauren Booth की सच्ची और प्रेरक कहानी
आज मैं आपको एक खूबसूरत और सच्ची जीवन कहानी "मैं मुसलमान क्यों बनी" सुनाने जा रहा हूँ। यह लॉरेन बूथ Lauren Booth की सच्ची और प्रेरक कहानी है। वह प्रसिद्ध ब्रिटिश पत्रकार, टीवी प्रस्तोता और यूनाइटेड किंगडम के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर (Tony Blair sister in law Islam) की साली हैं।
उनका जीवन एक छोटे से पल में बदल गया, एक समुद्र तट, एक शांत रात और एक दिव्य अनुभूति। यह पूरी कहानी (Celebrity conversion to Islam Hindi) दुनिया भर में लाखों लोगों द्वारा देखी और साझा की गई है और इसका दस्तावेजीकरण किया गया है।
विश्व-प्रसिद्ध पत्रकार, लेकिन दिल में शांति नहीं
लॉरेन बूथ ने कई देशों की यात्रा की, युद्धग्रस्त क्षेत्रों में रिपोर्टिंग की, दुनिया के महान नेताओं के साक्षात्कार लिए। लोग कहते थे: "आप कितनी भाग्यशाली हैं!" लेकिन वे यह नहीं जानते थे कि
लॉरेन के दिल में एक खालीपन था। उन्होंने कहा:
"मैं बाहर से सफल दिखती थी, लेकिन अंदर शांति की तलाश में थी।"
फ़िलिस्तीन की यात्रा: Islamic hospitality story
एक बार, एक पत्रकार के रूप में, वह फ़िलिस्तीन गईं। वह क्षेत्र संघर्षग्रस्त, गरीब और घोर संकटग्रस्त था। लेकिन वहाँ उन्होंने देखा: लोग भूखे होने पर भी (Islamic hospitality) मेहमानों को खाना खिलाते हैं।
मुस्लिम महिलाएँ मुस्कुराकर उनका स्वागत करती हैं। छोटे घरों में रहने वाले लोग भी मेहमानों को "बहनें" (kindness of Palestinian people) कहते हैं। गरीबी के बावजूद, लोग प्रार्थना, मिन्नत और दुआ की शांति बनाए रखते हैं।
लॉरेन ने कहा:
"मैंने पूरी दुनिया की यात्रा की है, लेकिन फ़िलिस्तीन में मैंने इतने दयालु, विनम्र और प्रेमपूर्ण लोग देखे हैं।"
वह हैरान थीं,
"इतनी सारी कठिनाइयों के बावजूद ये लोग इतने शांत और मज़बूत कैसे हो सकते हैं?"
गाज़ा में एक छोटी बच्ची और एक बड़ा सवाल
गाज़ा में, उनकी मुलाक़ात एक छोटी बच्ची से हुई। वह बच्ची बेघर थी, लेकिन मुस्कुरा रही थी।
उसने लॉरेन का हाथ पकड़ा और कहा:
"अल्लाह हमारी रक्षा करेगा। चिंता मत करो।"
लॉरेन दंग रह गईं। उसने मन ही मन कहा:
“मैं खुश रहते हुए भी हमेशा तनाव में रहती हूँ… और ये लोग इतने मुश्किल समय में भी अल्लाह पर पूरा भरोसा रखते हैं!”
इस पल ने उसके दिल में “ईश्वर” की पहली रोशनी जगा दी।
उस रात समुद्र तट पर क्या हुआ…
यह कहानी दर्ज है और लॉरेन बूथ खुद इसे सुनाती हैं। एक शाम वह गाजा के समुद्र तट पर बैठी थी। सूरज ढल रहा था। लहरें चुपचाप किनारे की ओर आ रही थीं। उसने कहा:
“उस पल मुझे लगा जैसे प्रकृति मुझसे कुछ कह रही हो। मेरे ऊपर एक गर्म शांति छा गई। मानो अल्लाह कह रहे हों— ‘मैं यहाँ हूँ।’”
उस रात उसने अपने जीवन में पहली बार सच्ची “सुकून” (शांति) का अनुभव किया। उसके शब्दों में:
“उस पल मैंने पहली बार अपने दिल में अल्लाह को जाना।”
इंग्लैंड वापस, पर मेरा दिल फ़िलिस्तीन में है
घर लौटने के बाद, उसे गाज़ा की शांति, लोगों का स्नेह और समुद्र तट का अनुभव याद आता रहा। उसने कहा:
“मैं चर्च गई, मैंने ध्यान किया, मैंने किताबें पढ़ीं... लेकिन फ़िलिस्तीन में जो मैंने महसूस किया, वह मुझे कहीं नहीं मिला।”
एक सवाल उसके मन में बार-बार घूम रहा था:
“अल्लाह कौन है?”
क़ुरान के साथ पहला अनुभव
एक दोस्त ने उसे अंग्रेज़ी में क़ुरान दिया। उसने पहली बार कुछ आयतें पढ़ीं और कहा:
“क़ुरान ने मेरे दिल को सीधे छुआ।”
एक आयत ने उसे सचमुच छू लिया:
“अल्लाह कहता है: निराश मत हो, मैं तुम्हारे साथ हूँ।” (क़ुरान 2:153 अर्थ)
उसने कहा:
“मुझे लगा, यह किताब मुझे जानती है... यह मुझसे बात करती है।”
इस्लाम में सरलता और एकेश्वरवाद
उन्होंने अध्ययन करना शुरू किया:
एक ईश्वर
कोई मूर्ति नहीं
अल्लाह जैसा कोई नहीं
प्रार्थना मन की शांति है
दान, करुणा और सत्य पर ज़ोर
उसने कहा:
“इस्लाम बहुत सुंदर, सरल और स्पष्ट है।”
वह निर्णायक दिन: एक दरवाज़ा खुला
एक दिन वह एक मस्जिद गई। लोग शांति से प्रार्थना कर रहे थे। कोई शोर-शराबा नहीं था। कोई चिल्ला नहीं रहा था। उसने अंदर से एक आवाज़ सुनी:
“यही वह शांति है जिसकी तुम जीवन भर तलाश करती रही हो।”
मस्जिद में एक मुस्लिम महिला ने पूछा:
“क्या तुम इस्लाम कबूल कर के मुस्लिम बनना चाहती हो?”
लॉरेन ने कहा:
“हाँ... और मेरा दिल तैयार है।”
महिला मुस्कुराई और बोली:
“तो तुम्हारे लिए दरवाज़ा खुला है।”
तो यह है लॉरेन बूथ शहादा कहानी।
शहादा: एक नए जीवन की शुरुआत
उस रात, लॉरेन बूथ ने शहादा पढ़ी (Celebrity conversion to Islam):
“अल्लाह के सिवा कोई ईश्वर नहीं है, और मुहम्मद उसके रसूल हैं।”
वह दुनिया को उस पल के बारे में बताती हैं:
“मैं रो रही थी... मुझे ऐसा लगा जैसे मेरे दिल से कोई बोझ उतर गया हो। मेरा दोबारा जन्म हुआ है।”
उस दिन के बाद उनकी ज़िंदगी पूरी तरह बदल गई।
परिवार को बताना
उन्होंने चुपचाप घर में सबको बताया। परिवार हैरान था, लेकिन लॉरेन ने कहा:
“मुझे कोई उम्मीद नहीं थी... मैं बस सच्चाई की तलाश में थी, और मुझे वह मिल गई।”
इस्लाम ने उन्हें क्या सिखाया
लॉरेन कहती हैं:
1) प्रार्थना (नमाज़) = मन की दवा
“मुझे नमाज़ में सच्ची शांति मिलती है।”
2) अल्लाह में विश्वास = मज़बूत मन
“मुझे अब किसी भी खतरे का डर नहीं है।”
3) दान = हृदय की कोमलता
“मैंने पहली बार इस्लाम में लोगों की मदद करने का आनंद अनुभव किया।”
4) सत्य और विनम्रता
“अब मैं धीरे से बोलती हूँ, मेरा गुस्सा शांत हो गया है, और जीवन सुंदर हो गया है।
आज लॉरेन बूथ कौन हैं?
आज लॉरेन बूथ:
क्या दावा कारगर है?
मुसलमानों के अधिकारों के लिए काम करती हैं?
दुनिया भर के सम्मेलनों में व्याख्यान देती हैं?
अनाथों, गरीबों और उत्पीड़ितों के लिए अपनी आवाज़ बुलंद करती हैं?
वह कहती हैं:
“इस्लाम ने मुझे एक नई पहचान दी। अब मैं जानती हूँ – मेरा रचयिता कौन है? और मैं कहाँ जाना चाहती हूँ?"
निष्कर्ष: शांति का मार्ग
लॉरेन बूथ की कहानी हमें सिखाती है:
कभी-कभी सत्य की खोज में लंबा सफ़र तय करना पड़ता है,
अल्लाह सही समय पर रास्ता दिखाता है,
इस्लाम शांति, प्रेम और दया का धर्म है,
इस्लाम अपनाने का मतलब है एक नया जीवन शुरू करना,
उसने कहा:
"मैं मुसलमान इसलिए बनी क्योंकि मुझे आखिरकार अपनी शांति, अपना उद्देश्य और अपना रचयिता मिल गया।"
Lauren Booth – FAQs (Hindi)
लॉरेन बूथ की इस्लाम तक की यात्रा पढ़ने के बाद बहुत से लोगों के मन में कई सवाल उठते हैं, उन्होंने इस्लाम को कैसे समझा, उनकी सोच में क्या बदलाव आया, और मुस्लिम बनने के बाद उनके जीवन में क्या-क्या परिवर्तन हुए। इस्लाम अपनाने के बाद क्या बदलाव आते हैं?
बहुत से लोग यह भी जानना चाहते हैं कि उनके परिवार, मीडिया और समाज ने इस फैसले को कैसे स्वीकार किया। इसलिए नीचे दिए गए अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs) आपको उनकी पूरी कहानी को और बेहतर तरीके से समझने में मदद करेंगे।
Q1: लॉरेन बूथ कौन हैं?
Lauren Booth एक ब्रिटिश पत्रकार, लेखिका और पूर्व प्रधानमंत्री Tony Blair की साली हैं।
Q2: लॉरेन बूथ मुस्लिम क्यों बनीं?
Palestine दौरे में उन्होंने मुसलमानों की दयालुता, सादगी और इबादत की शक्ति बहुत गहराई से महसूस की, जिससे उनका दिल इस्लाम की ओर झुक गया।
Q3: इस्लाम अपनाने से पहले क्या उन्हें इस्लाम के बारे में जानकारी थी?
नहीं, उन्हें इस्लाम के बारे में बहुत कम पता था। लेकिन फिलिस्तीन में मिले अनुभवों ने उन्हें खोज के रास्ते पर लाया।
Q4: उन्होंने कब शहादा पढ़ी?
वह 23 अक्टूबर 2010 को आधिकारिक रूप से मुसलमान बनीं।
Q5: क्या लॉरेन बूथ आज भी इस्लाम का पालन करती हैं?
हाँ, वह सक्रिय रूप से इस्लाम का पालन करती हैं और अपनी यात्रा दुनिया से साझा करती हैं।
Q6: लॉरेन बूथ इस्लाम से पहले किस धर्म को मानती थीं?
वह मूल रूप से ईसाई परिवार से थीं, लेकिन खुद को “religious” नहीं मानती थीं।
Q7: लॉरेन बूथ को इस्लाम में पहली बार दिलचस्पी कब हुई?
जब वह Palestine में इंसानी हक़ और पत्रकारिता से जुड़ा काम कर रही थीं, तब उन्होंने मुसलमानों की नम्रता, मेहमाननवाज़ी और मुश्किलों में भी अल्लाह पर भरोसा देखकर पहली बार इस्लाम की ओर आकर्षण महसूस किया।
Q8: क्या लॉरेन बूथ ने इस्लाम अपनाने से पहले कुरआन पढ़ा था?
हाँ, उन्होंने कुछ सूराएँ पढ़ीं — खासकर Surah Al-Fatiha और कुछ छोटी सूराएँ — जिनके अर्थ ने उन्हें गहराई से प्रभावित किया।
Q9: Palestine में ऐसा क्या हुआ जिसने उनके दिल को बदल दिया?
गाझा में एक गरीब परिवार ने खुद भूखे होने के बावजूद उनसे खाना साझा करने की पेशकश की। इस घटना ने उन्हें मुसलमानों की सच्ची इंसानियत और दिल की सफाई का एहसास कराया।
Q10: क्या लॉरेन बूथ ने इस्लाम अपनाने का फैसला अचानक लिया था?
नहीं। उन्होंने लगभग 2 साल तक इस्लाम का अध्ययन किया, मुसलमानों से बातचीत की, मस्जिदों का दौरा किया और धीरे-धीरे इस्लाम को समझकर फैसला लिया।
Q11: उन्होंने शहादा कहाँ और किसके सामने पढ़ी?
वे 23 अक्टूबर 2010 को लंदन की एक इस्लामिक सेंटर में दो महिला विद्वानों की मौजूदगी में आधिकारिक रूप से मुस्लिम बनीं।
Q12: लॉरेन बूथ के मुस्लिम बनने पर उनके परिवार की प्रतिक्रिया कैसी थी?
शुरुआत में उन्हें समझने में मुश्किल हुई, लेकिन समय के साथ परिवार ने उनके फैसले को स्वीकार किया।
Q13: क्या आज लॉरेन बूथ इस्लाम से जुड़े काम करती हैं?
हाँ, वह Islamic lectures, women empowerment workshops और interfaith dialogue में सक्रिय रूप से भाग लेती हैं।
Q14: क्या लॉरेन बूथ ने इस्लाम पर कोई किताब भी लिखी है?
हाँ, उन्होंने अपनी जीवन यात्रा पर आधारित किताबें और कई लेख लिखे हैं जिनमें वह इस्लाम से मिलने वाली शांति और बदलावों को बताती हैं।
Q15: क्या लॉरेन बूथ को इस्लाम अपनाने के बाद कोई कठिनाई भी आई?
हाँ, उन्हें मीडिया आलोचना, गलतफहमियाँ और समाज का दबाव झेलना पड़ा — पर वह धैर्य और सच्चाई के साथ अपने निर्णय पर कायम रहीं।
Authentic References & Sources
ये सभी बातें लॉरेन बूथ ने खुद कही हैं:
Al Jazeera Interview
CNN Report
Guardian UK Article
Lauren Booth’s personal speeches
Islamic conferences (recorded videos)
Their book “Finding Peace in the Holy Land”
My name is Lauren Booth, and I am a Muslim
Website: https://laurenbooth.co.uk/








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